सुचना :- महामृत्यंजय कवज सर्बप्रकार भय से मुक्ति देता है। इस कवज का अद्भुत खमता और अलौकिक शक्ति प्रमाणित। १२५००० बार मंत्र से इसे सिद्ध करना परता है। इसीलिए महामृत्यंजय कवज बनाने में समय लगता है। बाजार में जोभी कवज मिलता है सभी कवज सिद्ध नहीं होता। सभी बिज़नेस करने के लिए बनता है। सबसे पहले गुरु दीक्षा बगैर कवज सिद्ध नहीं होता। गुरु का आदेश मान कर उससे अनुमारी लेकर महामृत्यंजय कवज बनाना परता है। १५ से २० दिन लगता है एक कवज बनाने में। और सुभ घरी, समय और होरा देख कर बनाना परता है। सभी पक्रिया मिल जायेतो कवज बनाने कोई समस्सा नहीं होता। ये भगबान शिव का मंत्र और कुछ चित्र से बनाना परता है। कोई भी कलम और पेन से कवज बनाना नहीं जाते। डालिम पेड़ का दाल, चमेली फूलो का दाल , मयूर पूछ से कवज बनाना परता है। मंत्र साधना में इसके बारे में उल्लेख है। और इसमें जो लिखने का काली होता है वह अस्तगंधा, हल्दी, केशर, लबंग, लाल चन्दन और बोहोत साडी चीज़ लगता है। मैंने हर महीने २/३ कवज प्रस्तुत कर सकता हु अगर योग हो तो।
महा मृत्यंजय कवज काम कैसे करता है ?
सर्बप्रकार रोग से मुक्ति मिलता है।
काम में मन बीतता है।
सर्बिक सुख समृद्धि बरता है।
अशुभ फल बिनाश कारक है।
गर्वधारण और सन्तान के सुभो के लिए।
कर्म में सफलता के लिए।
कुंडली में दोष निबारण करता है।
दीर्घायु और रोग बिमोचनार्था के लिए।
शत्रुनाश के लिए।
ग्रहपीड़ा से मुक्ति मिलता है।
कालसर्पदोष में काम करते है।
और बहुत सरे काम के लिए यह कवज धारण करना परता है। जो शिशु का परतारिस्ति योग है वो भी इसे धारण करसकता है। ५ साल से लेकर कोई भी आदमी और औरत इसे धारण कर सकता है।
** महामृत्यंजय कवज का फल बहुत जल्दी मिलता है।
** कुछ रीती नियम को पालन करके उसे धारण करना परता है।
** इसे धारण करने से और कोई प्रतिकार का ज़रूरत नहीं परता।